मन


मन करता है मनमानी, हरकत इसकी जानी पहचानी ।


गम्भीर समस्या को हल करने में करता ये आनाकानी।।


 


मन खुद में इक लेखक है रोज लिखे ये नई कहानी ।


इसने केवल चलना सीखा रहे हमेशा इसकी जवानी।।


 


मन खुश तो प्राणी खुश है नहीं तो भरे नैन में पानी।


मन से जो कोई पंगा ले तो याद दिलाता उसे ये नानी।।


 


इसकी नटखट करतूतों का फल भुगते है हर प्रानी।


मन को रखो वश में तुम सब समझाते हैं ये ज्ञानी।।


 


                                           - अमर पाण्डेय


                                     बस्ती, उत्तर प्रदेश (भारत)


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