कैसे भूलना है तुझको
ये मुझको, समझा जाते
कम से कम जाने से पहले
कुछ तो बता जाते
हाथ रख लेते ज़ख्म पे
मरहम लगा जाते
यूँ दूर जाने से पहले
पास तो आ जाते
कैसे सजती है महफ़िल
ये हुनर तो सिखा जाते
यूँ चिराग़ बुझाने से पहले
रात को बुला जाते
हौसला हमारा कुछ
तो बढ़ा जाते
यूँ होश उडाने से पहले
होश तो दिला जाते
-काव्या वर्षा !
दरकाटी -176023 तहसील -ज्वाली जिला -कांगड़ा
हिमाचल प्रदेश !