हिन्दी
हिन्द देश की जननी,
हमारी वाणी,संविधान हिन्दी है।
हिन्दुस्तान की मातृभाषा,
वेदों की वेद पुराण हिन्दी है।।
संस्कृत से जन्मी,
पुरानी पहचान हिन्दी है।
जिसने बचपन में माँ बोलना सिखाया,
वो वर्णमाला ज्ञान हिंदी है।।
लाचार ना करो हिन्दी को,
विदेशी बोली अपनाकर।
बेबस ना करो इसे,
अंग्रेजी रोजगार दिखा कर।।
ज्ञान,गुण, संस्कार से भरी,
गाँधी जी की देश में महान हिन्दी है।
हिन्द देश की जननी,
हमारी वाणी, संविधान हिन्दी है।।
सरिता लहरे "माही"
पत्थलगांव जशपुर (36गढ़)