बड़ी मशीनों को चलाने में हाईपावर कनेक्शन का संकट

संवाददाता राहुल जायसवाल


अयोध्या।* राममंदिर निर्माण के लिए शुक्रवार से पाइलिंग टेस्टिंग का काम शुरू हो गया। इस टेस्टिंग की रिपोर्ट एक माह बाद आएगी। इसके बाद राममंदिर की नींव खोदाई का काम शुरू कर दिया जाएगा। राममंदिर निर्माण के लिए रामजन्मभूमि परिसर में बड़ी-बड़ी मशीनें भी आने लगी हैं।


अब प्रशासन के सामने इतनी बड़ी मशीनों को चलाने के लिए हैवी पावर कनेक्शन देने का संकट है। इसे लेकर अब ट्रस्ट के सदस्यों और लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) की टीम निर्माण में लगने वाली जरूरतों का आकलन कर उसे पूरा करने में जुटी है। ट्रस्ट ने हाईपावर कनेक्शन के लिए पावर कारपोरेशन में अप्लाई भी कर दिया है। 


बुधवार रात कारसेवकपुरम में ट्रस्ट के पदाधिकारियों और एलएंडटी की इंजीनियरिंग टीम के बीच मंथन में तय किया गया कि अब मंदिर निर्माण के लिए अपना पावर कनेक्शन, पानी के लिए ओवरहेड टैंक, सीवर सिस्टम की व्यवस्था की जाएगी। पिलर ढलाई के लिए काफी पानी की भी जरूरत पड़ेगी। इसलिए ट्रस्ट ओवरहेड टैंक की व्यवस्था परिसर में करने का प्लान बना रहा है।


वहीं दूसरी तरफ एलएंडटी के इंजीनियरों के मुताबिक, मशीनों के संचालन के लिए हाईपावर कनेक्शन की जरूरत पड़ेगी। इसमें रिंग मशीन, पाइलिंग मशीन, ड्रिलिंग मशीन हाई पावर पर काम करती हैं। ऐसी करीब 21 मशीनें परिसर में लगाई जाएंगी। इसी के हिसाब से केवल मंदिर निर्माण के मकसद का ट्रांसफार्मर भी लगेगा। अभी परिसर में केवल रिंग मशीन पहुंची है। 


बताया गया कि कुछ मशीनें बाद में जरूरत पड़ने पर यहां पहुंचेगी। सभी मशीनों में लगने वाली पावर के आकलन के बाद तय किया गया कि करीब 450 किलोवाट पावर का कनेक्शन अलग से लेना पड़ेगा। इसमें इसी के हिसाब से केवल मंदिर निर्माण के मकसद का ट्रांसफार्मर भी लगेगा।


राममंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि पांच एकड़ में परकोटा, परिक्रमा और मूल मंदिर होगा। यहां दर्शनार्थियों की सुविधा का ख्याल रखा जाएगा। जैसे राष्ट्रपति भवन, संसद के चारों ओर एक परकोटा है, उसी तर्ज पर राममंदिर के चारों तरफ भी परकोटा बनाया जाएगा, परकोटे के अंदर परिक्रमा की व्यवस्था होगी, परिक्रमा के बीच में मूल मंदिर का निर्माण किया जाएगा। 


राम मंदिर के पांचों गुंबदों के नीचे के हिस्से में चार हिस्से होंगे। इसमें सिंहद्वार, नृत्य मंडप, रंगमंडप बनेंगे। यहां श्रद्धालुओं के बैठने विचरण करने और विविध कार्यक्रम आयोजित करने के लिए जगह रहेगी।


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