मुस्कुराते चेहरे पर कुछ और भी देख
दिल के कुछ जख्मों की बयानी होगी--
यूँ तो कह दिया जो कहना था मुझको
वो बात कितने सवालों से गुजरी होगी--
वक्त भारी हो तो काटे नहीं कटता दोस्त
मेरी ख़ामोशियों में कहानी तुम्हारी होगी--
एकता उपाध्याय(गोरखपुर)
मुस्कुराते चेहरे पर कुछ और भी देख
दिल के कुछ जख्मों की बयानी होगी--
यूँ तो कह दिया जो कहना था मुझको
वो बात कितने सवालों से गुजरी होगी--
वक्त भारी हो तो काटे नहीं कटता दोस्त
मेरी ख़ामोशियों में कहानी तुम्हारी होगी--
एकता उपाध्याय(गोरखपुर)