आन्दोलनकारियों ने मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री एवं प्राइवेट स्कूल मालिकों का पुतला भी फूंका - बेदारी कारवाँ
मीर शहनवाज
दरभंगा। पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत गुरुवार को आॅल इंडिया मुस्लिम बेदारी कारवाँ ने प्राइवेट स्कूल की मनमानी और जबर्दस्ती फीस वसूली के विरोध में एक प्रतिवाद मार्च निकाला। प्रतिवाद मार्च लालबाग से पैदल चल कर पूनम सिनेमा रोड होते हुए मिर्जापुर, खानकाह चैक होते हुए नाका न0-5 पर पहुंच कर सभा में तब्दील हो गया। मार्च का नेतृत्व बेदारी कारवां के अध्यक्ष नजरे आलम ने की। इस प्रतिवद मार्च के बाद नाका न0-5 पर ही बिहार के मुखिया नीतीश कुमार, शिक्षा मंत्री, बिहार एवं प्राइवेट स्कूल संचालकों का पुतला दहन कर इसमें शामिल हुए लोगों ने अपने गुस्से का इजहार किया। सभा को संबोधित करते हुए नजरे आलम ने बताया कि इधर कुछ दिनों से प्राइवेट स्कूल के मालिक जो शिक्षा के नाम पर माफियागिरी करके करोड़ों रूपया कमाकर बैठे है वेसे लोग कभी प्रेस-काॅन्फ्रेंस करके तो कभी मिडिया में न्यूज छपवाकर छात्रों के अभिभावकों पर फीस के लिए दबाव बना रहे हैं जो सरासर गलत है। आलम ने बताया कि आज हम लोगों ने आन्दोलन की हल्की सी झल्क दिखाए हैं। हमारी मांग है कि सभी प्राइवेट स्कूल के मालिक मार्च 2020 से अगस्त 2020 तक की हर तरह की छात्रों की फीस को माफ करे। उन्होंने आगे कहा कि हमारी मांग यह भी है कि दोबारा नामांकन के नाम पर जो मोटी राशि ली जाती है कोरोना महामारी को देखते हुए उसे भी माफ किया जाए साथ ही बाहर के छात्र जो किराए के मकान में रहकर शिक्षा हासिल कर रहे हैं ऐसे छात्रों के मकान मालिक से हमलोग आग्रह करते हैं कि वह भी इस महामारी को देखते हुए मकान का किराया नहीं लें। आलम ने साफ तौर पर कहा कि अगर इस गंभीर मामले का हल सरकार, स्कूल मालिक और स्कूल यूनियन ने अविलंब नहीं किया और फीस माफी का एलान नहीं हुआ तब आगे लगातार इसको लेकर आन्दोलन करेंगे और तबतक यह आन्दोलन करते रहेंगे जबतक स्कूल माफिया अपनी मनमानी और गैरकानूनी राशि उगाही का कारोबार बंद नहीं कर लेते। इतना ही नहीं आलम ने यह भी कहा है कि स्कूल वाले इन दिनों फीस वसूली के लिए शिक्षकों की तंखाह को ढ़ाल बनाकर इस्तेमाल कर रहे हैं उन्हें यह बताना होगा कि क्या वह शिक्षकों को उसी अनुपात में वेतन देते हैं जिस अनुपात में फीस वसूली करते हैं अगर जवाब हां में है तो उन्हें फीस लेने का हक हासिल है और अगर नहीं में है तो फिर शिक्षकों का शोषण करके जमा किए गए खजाना से ही शिक्षकों को वेतन दें और उनके नाम का इस्तेमाल करके अभिभावकों को लूटने की कोशिश ना करें। इस अवसर पर बेदारी कारवां के महासचिव मोतिउर रहमान, राहत अली (प्रवक्ता), हीरा नेजामी, वसीम अहमद, हसनैन बाबा, मो0 तालिब, अधिवक्ता सफिउर रहमान राईन, मो0 जियाउर रहमान, मुन्ना भाई, मो0 कलीम, एजाज कुरैशी, नेयाज अहमद, अरमान, सोनू कुमार, राजन आदि उपस्थित थे। अंत में आलम ने यह भी कहा कि प्राइवेट स्कूल की मनमानी और लूट के खिलाफ आॅल इंडिया मुस्लिम बेदारी कारवां सात सालों से आन्दोलन कर रहा है और यह तब तक चलेगा जबतक अभिभावकों को प्राइवेट स्कूल वालों के द्वारा किए जा रहे लूट से छुटकारा नहीं मिल जाता।