नित करें आराधना इष्टदेव का,
सुख - शांति रहेगी जीवन में,
भय - भ्रम न होगा कभी,
शुचिता-पारदर्शिता रहेगी मन में,
शुचिता -पारदर्शिता रहेगी मन में,
कष्ट - क्लांति सब होगी दूर,
कहते 'कमलाकर' हैं आराधना से,
आंतरिक आनंद मिलेगा भरपूर।।
कवि कमलाकर त्रिपाठी.
आराधना