योग


योगा सेहत के लिए, बहुत बड़ा वरदान।
संभव है हर रोग का, इससे पूर्ण निदान।।


नित्य सवेरे जागकर, निपटाकर  नित- कर्म।
साठ मिनट तो कीजिए, योग मानकर धर्म।।


फुर्तीला तन चाहिए, तो  नित करिए योग।
सुंदर सी काया  रहे, पास न आवे   रोग।।


नियमित करता आदमी, योग और जो ध्यान।
अच्छी   सेहत का उसे, मिलता    है   वरदान।।


छुपे   हुए  हैं  योग  में, सेहत  के सब राज़ l
बिना चूक हर रोग का, करता सदा इलाज ll


तन-मन  पर संयम अगर, रखना चाहें  आप।
तो योगा के संग में, करें  ओम्   का   जाप।।


नामुमकिन है योग का,करना लाभ बखान।
जिसने भी साधा इसे, उसे  मिले  भगवान।।


रीता सिवानी


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