स्वस्थ मानसिकता का सबसे बड़ा राज योग है।  ,,करे योग रहे निरोग,,


सुषमा दीक्षित शुक्ला
 यह एक अमोघ मंत्र है, इसे अपनाना होगा ।
योग हमारे देश की प्राचीन परंपरा का ही हिस्सा है ।
योग तो  आध्यात्मिक अनुशासन है, जिसमें तन मन और प्रकृति के बीच एकात्म भाव स्थापित किया जाता है। 
योग न केवल मन को स्वस्थ रखता है बल्कि मानव की संपूर्ण ऊर्जा को भी बनाए रखता है ।एवं शरीर को दुरुस्त रखता है ।विश्व में कई देशों के लोग हमारे देश में योग का प्रशिक्षण लेने आते रहते हैं ।कोविड-19 के दौर में योग एवं प्राणायाम व आयुर्वेद का महत्व बढ़ गया है ।योग, प्राणायाम मानव की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक सिद्ध होता है। योग हमें शारीरिक ,मानसिक दोनों ही प्रकार की शक्ति प्रदान करता है। आज हमें फिर से योग को अपनाने का समय आ गया है एवं दूसरों को भी प्रोत्साहित करने का भी ।
 योग करना नितांत आवश्यक है, इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ोतरी निश्चित होगी। योग स्वास्थ्य के साथ आपकी मनो स्थिति को बदलने के लिए अमोघ बाण है ।इसके लिए योग करते वक्त हमे कुछ बाते ध्यान मे रखनी आवश्यक हैं  ।योग करते वक्त   जमीन मे चटाई या तख्त पर ढीले कपड़े पहनकर ही योग करना चाहिए । सबसे पहले एकाग्रचित्त होकर अपनी श्वांस को बाहर छोड़कर ही योग प्रारम्भ करना चाहिए ।
 फिर बारी बारी से सांस बाहर निकालने और रोकने द्वारा आपका मन  शांत होता है।
 जब  कभी आप को अशांत सा महसूस हो या काफी क्रोध आए तो गहरा श्वास छोड़ें ।  खुद को कुछ हल्का महसूस करेंगे ।
  जितना संभव हो  स्वांस  को बाहर निकाल देना चाहिए ।वायु बाहर फेंके जाने के साथ मनोदशा बाहर फेंकी जाएगी क्योंकि  श्वांस ही सब कुछ है ।
समग्रता से स्वास छोड़े और समग्रता से सांस खींचें और एक इसके मध्य एक तारतम्य  स्थापित कर लें ,यही योग का सारांश है ।
सांस छोड़ने  और सांस ग्रहण करने के बाद  रुके रहना है ,उसके बाद खुद में एक परिवर्तन सा महसूस होता है जो संपूर्ण अस्तित्व में उतरा उतरा सा प्रतीत होता है ।सुंदर मनोदशा महसूस होती है ।यदि   आप अपनी 
मनोदशा परिवर्तित करते हो तो सोचना परिवर्तित कर देते हो। तुम्हारे पास तुम्हारी मनोदशा की कुंजी है ,जैसी मनोदशा चाहो प्राप्त  कर सकते हो ।यह तुम पर निर्भर है ।
 योग के बाद बहुत सुंदर सा अनुभव प्राप्त करोगे ।यह काम, क्रोध ,मद एवं  मोह की अतिरिक्तता  से मुक्ति दिलाने का कारगर उपाय है ।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का अमोघ अस्त्र भी  योग ही है ।
अगर तुम किसी मनोदशा को उत्पन्न करना चाहते हो तो इसके साथ ही  योग के ढांचे  को स्वयं मे स्थापित  करो । वर्तमान परिवेश को देखते हुए 
कोविड 19 से बचाने मे योग की अहम भूमिका है ।
कुल मिलाकर हम कह सकते हैं आज के परिवेश में योग को अपनाना नितांत आवश्यक हो गया है ।


 


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