पिता


पिता  बच्चों  की  सुरक्षा  की  ढ़ाल है, 
पिता बच्चों को रक्त में मिलें संस्कार हैं! 


 पिता बच्चों को  आशीषों  की खान है, 
 पिता  ही तो हमारे परिवार की शान है! 


पिता  बच्चों  के लिए  मर्यादित  उड़ान है, 
पिता की डांट में भी स्नेह ,बेसुमार प्यार है! 


पिता का दुलार बच्चों का खुला आसमान है, 
पिता  से  ही तो  हमें अनुशासन  का भान है! 


पिता की सेवा ही पवित्र पुण्य तीर्थ स्थान है, 
पिता ही हमारे नेक सद्गुणों की पहचान है! 


             सीमा मिश्रा
             सागर मध्यप्रदेश


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