अंतरराष्ट्रीय पितृ दिवस ( फादर्स डे 21 जून) पर
बाद आपके,प्यार आप सा, कभी न पाया
पापाजी।
भूल नहीं पाता है समय, जो साथ बिताया पापाजी।
कभी नहीं अनुभव होने दी, कोई परेशानी हमको
तपती जेठ दोपहरी में थे, नीम की छाया पापाजी।।
जब तक जीवन रहा,सभी को स्नेह और सम्मान दिया,
रखा सबका ध्यान सदा,खुद को बिसराया पापाजी।
कैसे भी हालात रहे पर,आदर्शों से नहीं डिगे,
सादा जीवन उच्च विचार,ये ही अपनाया पापाजी।
अध्ययन,अध्यापन करना, था आजीविका का साधन,
सीमित आय रही पर हमको,खूब पढ़ाया पापाजी।
आया है जो,जाएगा एक दिन,यही सत्य है जीवन का,
पथिक बढ़ा चल जीवन पथ पर,गीत ये गाया पापाजी।।
छोड़ी गये जो जिम्मेदारी,साथ समय के पूर्ण हुई,
सही,गलत मैं समझ सका न, सबसे निभाया पापाजी।
'अनिल' पुकार रहे सब मुझको, कोई 'बड़े' नहीं कहता,
बाद आपके किसी ने मुझको, न 'बड़े' बुलाया पापाजी।
* डॉ.अनिल शर्मा 'अनिल'
धामपुर, उत्तर प्रदेश