नीरज कुमार रमन
सुल्तानपुर
दूरियां लाख सजा देती है,
पास आते ही सारी तकलीफे भुला देती है।
जिंदगी जितनी भी है तेरे साथ बीते,
एक तेरी मुस्कराहटे ही है जो मज़ा बेवजह देती है।
ये डीपी सर द्वारा अपनी श्रीमती जी के लिए चंद अल्फाज
आज आप दोनों का जन्म जन्मांतर तक साथ निभाने के वादों, रश्म- रिवाजों को पूरा करते हुए एक साल बीत गया इन एक सालो में शायद आप दोनों में से किसी ने भी प्यार निभाने में कोई कमी नहीं की होगी
आप दोनों का साथ यूं ही सदा बना रहे
जिंदगी भर खुशियां मिलती रहे
चेहरे पर आप दोनों के ही मुस्कराहट ऐसे ही खिलती रहे
मौसम को रंगीन बनाते हुए इन बारिशों के साथ मुबारक हो आपको डी पी सर जी शादी की पहली वर्षगांठ रब से दुआ है थोड़ी सी कामयाबी और मिल जाए आप लोग दो से अब तीन हो जाए आपकी श्रीमती जी को हंसने खेलने का जरिया मिल जाएं आप एकाउंटेंट से मैनेजर बन जाए
शादी की सालगिरह पर आप दोनों को ढेर सारी प्यार भरी शुभकामनाएं
आपकी श्रीमती जी हमेशा मुस्कराए