ममता


करुणा - दया - मोह - ममता के,
अपने    गुण   -   भाव   हैं   रंग,
औ  होना     भी   चाहिए   सदा,
हर       प्राणी,      मानव    संग,
हर     प्राणी,       मानव     संग,
सुख  -  शांति  रहेगी  अंतर्मन में,
कहते   'कमलाकर' हैं  ममता से,
कलह -विग्रह न होगी जीवन में।।
     
कवि कमलाकर त्रिपाठी.


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