कभी कभी अहसास भी पढ़ लिया करो,
जिससे जिंदगी जीना आसान हो जाएगी.!!
कभी कभी बिन बोले भी समझ लिया करो,,
जिससे तुम्हारी वफा की खुशबू आयेगी.!!
कभी कभी आंखों में भी झांक लिया करो,,
तुम्हें बिन कहे दिल की बातें समझ में आयेंगी.!!
कभी कभी धड़कनो को भी सुन लिया करो,,
धड़कती किसके लिए हैं तुम्हें ये बताएंगी.!!
कभी कभी अपनी प्रीत का स्पर्श दिया करो,,
मरती हुई काया फिर से जिंदा हो जाएगी.!!
स्वरचित
अर्चना भूषण त्रिपाठी "भावुक"