दुनिया मेला है दो दिन का
जीवन पथ ज्य़ों रंगमंच एक
समय चक्र के हो आधीन
किरदार निभाते हम सब है।
सुख दुख चलते संग साथ साथ
कभी गीत सजें कभी बहतेआँसू
जीवन पथ ज्यो,,,,,,,,,,,,,,,,,,,।
कर्म प्रधान जगत है यह
कर्मो का लेखा जोंखा है
जो किया वही मिल पाता है
बन पाप पुण्य के भागीदार
वैसा ही किरदार निभाना है
जीवन पथ ज्यों,,,,,,,,,,,,,,।
यश अपयश लाभ हानि का मालिक
हम सबका वो भाग्यविधाता है
हम सब कठपुतली है उसकी
वो सबको नाँच नचाँता है।
ये दुनिया मेला दो दिन का
जीवन पथ ज्यों रंगमंच एक
समय . चक्र हो आधीन
किरदार निभाते हम सब है।।
मन्शा शुक्ला
अम्बिकापुर