बहुत इंतजार दिन इतवार का
बहुत इंतजाम दिन इतवार का
तैयारी में बीत जाए सप्ताह
बेसब्री भरा है दिन इतवार का
दौड़ धूप में कटते है सभी वार
आराम भरा है दिन इतवार का
कल पूर्जों सा गतिशील जीवन
विराम भरा है दिन इतवार का
अर्जन सृजन में दूरियां बढती
मिलन भरा है दिन इतवार का
उलझनों में सदैव उलझे रहते
सुकूनों भरा है दिन इतवार का
गमगीन सा बीतता है हर पल
खुशी भरा है दिन इतवार का
सुखविन्द्र प्रतीक्षा में रहे सदा
मौजमस्ती दे,दिन इतवार का
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)