बरसांते भीग जाती हैं


याद आए जब प्रीत पिया की,,
               रातें भीग जाती हैं..!!
एहसांसो की सुनहरी यादों से,,
                सांसे भीग जाती हैं..!!
****"""*****""""""*****""""***
यादों के झुरमुट से निकलकर,,
           हर बातें भीग जाती हैं..!!
धुलकर फिर से निखर आती हैं,,
           जो यादें भीग जाती हैं..!!
*****""""****""""****""""****
संन्नाटो की नगरी से निकलकर,,
            सौगातें भीग जाती हैं..!!
 पलकें जब भी बरसती हैं तो,,
           बरसांते भीग जाती हैं..!!
 *****"""****""""****""""*****
स्वरचित


अर्चना भूषण त्रिपाठी"भावुक"@


Popular posts
अस्त ग्रह बुरा नहीं और वक्री ग्रह उल्टा नहीं : ज्योतिष में वक्री व अस्त ग्रहों के प्रभाव को समझें
Image
ठाकुर  की रखैल
Image
दि ग्राम टुडे न्यूज पोर्टल पर लाइव हैं प्रो आराधना प्रियदर्शिनी जी हजारीबाग झारखंड से
Image
दि ग्राम टुडे न्यूज पोर्टल पर लाइव हैं लखीमपुर से कवि गोविंद कुमार गुप्ता
Image
दि ग्राम टुडे न्यूज पोर्टल पर लाइव हैं यमुनानगर हरियाणा से कवियत्री सीमा कौशल
Image