चीनी चोर उच्चके को सबक सिखालाना है
हमें अब उसका वस्तु घर नहीं लाना है ।
कमर टूट जाएगी फिर वह क्या करेगा ,
टूटे कमर के जख्मों से घुट घुट के मरेगा ।।
सरकार बंधी हो सकती हम तो बंधे नहीं है
नियमों का अनदेखा देख हम भी अंधे नहीं हैं।
हम भारत माँ के लाल जो जिद पे खड़े हो जाएंगे ,
चीनी को हम घोल घोलकर चाय बना पी जाएंगे ।
कायर तू निहत्थों पर छल से हाथ उठाता है ,
फिर भी भारत का लाल तुझे मजा चखता है।
गर लड़ना है तो निर्णय कर मैदान में आ जाएंगे ,
कसम है इस मिट्टी की तुझे औंधी मुँह गिराएंगे ।।
जाग उठो वीर हिंदुस्तानी स्वाभिमान दिखलाओ,
चाहें फ्री में मिले चीनी सामान न तुम घर लाओ ।
देश बनेगा मजबूत अपना वीरों का सम्मान होगा ,
इतिहास के पन्नों पर तुम्हारा भी योगदान होगा ।।
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शैलेन्द्र कुमार तिवारी
ग्राम+पोस्ट : असहनी
जिला : छपरा ( सारण )
बिहार