अकेले थे तो रास नहीं आती थी ये जिंदगी तुम्हारे साथ ने मेरी जिंदगी खुशियों से भर दिया - याशू श्रीवास्तव

 



 नीरज  कुमार  रमन 


तुम्हारा रंग ओढ़कर ही मै खुशनुमा हूं 


तुम ही तुम हो मुझमें मै कहां हूं 


परशुरामपुर के बहुचर्चित व्यक्ति समाज की एक ऐसी कड़ी जो सामाजिक राजनीतिक आर्थिक हर तरीके से बच्चे जवान बुजुर्ग सभी को जोड़कर रखे हुए है जिनके सम्मान को ध्यान में रखते हुए सभी के द्वारा प्यार से विधायक जी के नाम से पुकारा जाता है


ये हंसमुख स्वभाव व शांतिप्रिय व्यक्ति  है 


आज बड़े भाई याशु श्रीवास्तव जी की शादी की सालगिरह है अपनी श्रीमती जी के लिए इनके दिल के जज़्बात कुछ शब्दों के साथ आज सुबह की पहली शुरुवात के साथ कहे गए 


अकेले थे तो रास नहीं आती थी ये जिंदगी 


तुम्हारे साथ ने मेरी जिंदगी खुशियों से भर दिया


रब से दुआ है बड़े भाई जी की जिंदगी हमेशा ऐसे ही खुशियों की सौगात लाती रही दोनों लोग जिंदगी भर ऐसे ही खिलखिलाते मुस्कराते रहे 


बड़े भैया व भाभी जी को शादी की सालगिरह पर ढेर सारा प्यार आशीर्वाद ढेर सारी बधाईयां 


आप दोनों की जिंदगी में कभी कोई भी गम ना हो 


भाभी जी हमेशा हंसती रहे मुस्कराहट इनकी कभी भी कम ना हो


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