नशा एक शौक है , नशा एक जुनून भी है
नशा चाहे जैसा भी हो, लोगों को कुबुल ही है
कहते हैं नशा है, एक मित्र की तरह
हमारे दर्द में नशा, हमदर्द की तरह
नशा कुछ बुरा है तो, अच्छा भी है नशा
नशे में यारों जरूर, कुछ न कुछ है मजा
नशा चीज ही ऐसी है, जो न छोड़ी जाये
तन्हाईयों में दोस्तों, ये सच्ची साथ निभाये
नशा तो सभी करते हैं, कुछ न कुछ पाने के लिए
नशा हम करें दोस्तों, नशा छुडाने के लिए
नशा ऐसे करें कि मन , हमें न धिक्कारे
भूल भटके राही को, ये सच्ची राह दिखा दे
नशा करें हम भी चलो, नशाखोरों के लिए
अंधेरे में पलते जीवन की, रौशनी के लिए।
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दीपमाला पाण्डेय
रायपुर छग