ग़ज़ल


1222 1222 1222 1222


सनम अहसास दिल के ये कभी फीके नहीं होंगे।
किसी भी मोड़ पर तुम से खफा रिश्ते नहीं होंगे।।


वफ़ा की बात ग़र आये  सदा चर्चा मेरा होगा ,
कदम इक बार भी साथी मेरे बहके नहीं होंगे ।।


उतर आया जमी पें चाँद इक सुंदर  छटा लेकर ,
किसी के ख्वाब यूँ मेरी तरह सच्चे नहीं होंगे ।।


डगर कैसी रहें सजना सदा तुम हमकदम रहना ,
 अ़गर काँटे मिले तो भी  हमे शिकवे नहीं होंगे ।।


मिली इतनी इनायत आपकी हम को मुहब्बत में ,
इबादत में खुदा के हाथ अब थकते नहीं होंगे ।।


नवाजा है मुहब्बत नें हमें ख्वाबों की दौलत से ,
किसी के ख्वाब यूँ मेरी तरह हँसते नहीं होंगे ।।


अपेक्षा ये दुआ मांगे सदा सिंदूर सजे अपना ,
य़की हैं कि खुदा हम से कभी रूठे नहीं होंगे।।


अपेक्षा व्यास
भीलवाड़ा राज.


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