चइती क गीतिया बिरहि बउराइल बाचइती क गीतिया बिरहि बउराइल बा

 



अढ़उल क फूल लाल नीबिया सफेद फूलें-
अमवाँ के मोजरा टिकोरा लदराइल बा-
टप-टप महुआ चूयेला भर रतिया-
चइती क गीतिया बिरहि बउराइल बा-


सँझवा-बिहनवाँ कोइलिया क मीठी तान-
नया-नया लाल पात पेड़ मधुआइल बा-
झूमि-झूमि पछुआं बहेलन दिन पूरा जात-
खोतवा में चिरईन क गीतिया सुनाइल बा-


सझवां-बिहनवां भरल खेत खरिहान-
कटिया क भीर इहे देखा अब आइल बा-
खेतवा भरल खेत खन-खन  बाजें बाल-
चूड़िया खनकि-खन मधुर सुनाइल बा-


गेहूआँ क बाली सूखी खेत हरियाली सब-
चइती फसलिया पकलि पियराईल बा-
सुमुखि-सलोनी गोरी हँसुआ ले हाथ चलीं-
पायल के छम-छम खेत भरमाइल बा-


कठिन-किसानी भोरहटिये में उठें गोरी-
भरल बदन थकि मन अलसाइल बा-
घूँघटा में लाली देखि सुरुज प्रभात तजि-
चमकि-चितेरा बन रूप धरि आइल बा-


घमवाँ के तेज गोरी घूँघटा हटावें देखि-
चाँद जइसे दिनवाँ में दिखे मुरझाइल बा-
मुखड़ा के देखि चान भोर से बिहान करें-
गोरिये के मुख चान-सुरुज मोहाइल बा-


चइत महीनवाँ किसनियाँ सुतार धुन-
मेहनत क बेला ईहे देखा अब आइल बा-
दिन भर कटिया फसलिया के काटें रात-
गेंहूआ मड़ाई मन-तन गरदाइल बा-


रात-दिन मेहनत क कठिन कमाई खेती-
नाहीं तबो आटें हाँड़ी परई धराइल बा-
ढ़ेर चाहे थोर होखें भाव ऊहो नाहीं मिले-
आवे कउनो राज चाहे खेतिहर पीसाइल बा-


खेतिया-किसनियाँ क ईहे दुःख गावत बाड़ीं-
दुःखवे में जिनगी किसान क बुझाइल बा-
घरनी के झुलनी क आस नाहीं पूर भईल-
सोचहीं में सगरो उमर बीति आइल बा-


रोजी-रोजगार चाहे बनिया बेपारी देखा -
सुखवे क नींद लेत रूपिया धराइल बा-
हमरो किसनियाँ त माटी क कमाई माटी-
करजे के बोझ माटी-माटी में हेराइल बा-
राकेश कुमार पाण्डेय
हुरमुजपुर,सादात
गाजीपुर,उत्तरप्रदेश


Popular posts
अस्त ग्रह बुरा नहीं और वक्री ग्रह उल्टा नहीं : ज्योतिष में वक्री व अस्त ग्रहों के प्रभाव को समझें
Image
गाई के गोवरे महादेव अंगना।लिपाई गजमोती आहो महादेव चौंका पुराई .....
Image
ठाकुर  की रखैल
Image
दि ग्राम टुडे न्यूज पोर्टल पर लाइव हैं अनिल कुमार दुबे "अंशु"
Image
दि ग्राम टुडे न्यूज पोर्टल पर लाइव हैं यमुनानगर हरियाणा से कवियत्री सीमा कौशल
Image