*व्यंग*         "ए सइयाँ हमरो के मुखिया बना दीं "

 




ऐ सइयाँ हमरो के मुखिया बना दीं , 
होता नामनेसन आज हमरो करा दीं।
कहीं त चले खातिर कागज सरिया दीं।।


 ऐ सइयाँ हमरो के मुखिया बना दीं ।।


कइनी रंगदारीs बड़ा राउर नाम बा ,
निचे से ऊपर ले राउर पहचान बा ।
पंचाइत के मउगिन में आगे बढ़ा  दीं।


    ऐ सइयाँ हमरो के मुखिया बना दीं ।।


पिनसिन इंदिरा आवास रउवे बनवाइब,
मन करी जहवां हम से सही कारवाइब् ।
चलीं संगे संगे हमरा परचा छपवा दीं ।


     ऐ सइयाँ हमरो के मुखिया बना दीं ।।


खर्चा कुछ कम बा त खेत बारी बा नू ,
मंत्रीयो जी रउआ के कहिले डिअर जानू ।
आइल बा समय अब उहों के बता दीं ।।


ए सइयाँ हमरो के मुखिया बना दीं ।।


सुनतानी भोट खातिर पइसा बँटाला ,
परहे नू नेता जी के पहूना कइले घोटाला।
उहों के लगे तनी रउआ फोनवा लगा दीं ।।


ए सइयाँ हमरो के मुखिया बना दीं ।।



              ✍️
शैलेन्द्र कुमार तिवारी
सिंगरवा, अहमदाबाद 
         गुजरात


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