मन के मीठे पर आंखों के खारे होते हैं
गौर से देखो हम लड़के भी प्यारे होते हैं !
तकलीफें कितनी हों हम हरदम मुस्काते हैं
हम चश्मे के पीछे अपना दर्द छुपाते हैं !
घर से बाहर हों तो कौन सुलाए आकर के
हम सोने की खातिर खुद ही लोरी गाते हैं !
आसमान से बिछड़े टूटे तारे होते हैं
गौर से देखो हम लड़के भी प्यारे होते हैं !
हम उम्मीदों के बस्ते कंधों पर ढोते हैं
कभी कभी आते हैं आंसू हम भी रोते हैं !
जब हमको ये दुनिया हारा हारा कहती है
तब इस बंजर दुनिया मे मुस्काने बोते हैं !
हम छत चौखट आँगन और चौबारे होते हैं
गौर से देखो हम लड़के भी प्यारे होते हैं ! ,, ♥️
~ {अंकुर पांडेय} ~