गीतिका

 




चाँद से भी खूबसूरत चाँद 
सी  सूरत   तुम्हारी
हो  गई  अब  तो  जरूरत  चाँद  सी   सूरत   तुम्हारी



तुम  मिले  जब  से  हमारी कल्पना में  सिर्फ तुम हो
रोशनी   सी   साफ   मूरत   चाँद   सी   सूरत   तुम्हारी



जिंदगी के इस गणित के प्रश्न सुलझे आप से मिल
बन ग ई  लो  आज  किस्मत चाँद सी  सूरत  तुम्हारी



जब मिला अपनत्व तुम से बस गई तब से नजर में
पल  रही  बनकर मुहब्बत, चाँद सी   सूरत  तुम्हारी


माँगता  मन्नत  खुदा  से, हर  घड़ी ये  दिल  हमारा
हो  कयामत  तक  सलामत, चाँद सी सूरत तुम्हारी



राधिके  सी  छवि, अधर  पर  शब्द ज्यों स्वर बाँसुरी के
नित  दिखाती  प्रीत  का  पथ, चाँद सी  सूरत  तुम्हारी ।।।।


🙏🌹🙏ममता शर्मा "अंचल"
              अलवर (राजस्थान)
           मो. 722004040


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