पूर्वांचल के विकास के लिए पृथक राज्य जरूरी

सोनभद्र‌।पूर्वांचल राज्य जनमोर्चा की बैठक निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष विमलेश कुमार त्रिपाठी के आवास उर्मोरा वनस्थली विद्यालय के पास  रावटसगंज सोनभद्र मे‌  हुई‌। बैठक‌‌ में अलग पूर्वांचल राज्य बनाने की रणनीति तय की गई‌। इस अवसर पर  निवर्तमान संगठन प्रमुख एडवोकेट पवन कुमार सिंह ने कहा कि तत्कालीन मायावती सरकार ने पूर्वांचल राज्य के गठन का प्रस्ताव विधानसभा में पास कर केंद्र सरकार के पास भेज दिया, पर आज तक उस पर अमल नहीं किया गया। इसके चलते पूर्वांचल के 9 करोड़ लोगों का विकास नहीं हो पा रहा है। पूर्वांचल के 28 जिले अति पिछड़े हुए है। यहां के युवाओं को रोजगार के लिए दिल्ली-मुम्बई और गुजरात की शरण लेनी पड़ रही है। इसकी चिंता किसी को नहीं है।  कोई सुधार नहीं किया जा रहा है। आजादी के 70 साल बाद भी पूर्वांचल उपेक्षा का शिकार है। पूर्वांचल को पृथक राज्य का दर्जा मिलना चाहिए। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों पर पूर्वांचल की गरीबी, भूखमरी, पलायन व उद्योग शून्यता की अनदेखी किए जाने के आरोप लगाया।    संचालन जिलाध्यक्ष शिव प्रकाश चौबे उर्फ राजू चौबे ने किया !
 इस अवसर पर पंकज कुमार यादव एडवोकेट संजीव कुमार और काकू सिंह अभिषेक मिश्रा  श्याम बिहारी जायसवाल अतुल कुमार कनौजिया एडवोकेट राजकुमार सिंह एडवोकेट विकास त्रिपाठी पवन कुमार द्विवेदी ललित चौबे धनंजय कुमार कमल भाई शाहनवाज आलम सलीम कुरेशी लवकुश त्रिपाठी अविनाश यादव बेचन केसरी आदि लोग उपस्थित थे ।!                       


 


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