मेरी बिटिया





 

 

 

घुटनों बल चलती, ठुमकती - थिरकती,

कभी आँचल में छिपती, कभी कान्धे पर चढ़ती !

वो नन्ही परी पंख फैलाने लगी है....

मेरी गुड़िया मेरे कान्धे तक आने लगी है !!

 

छवि है वो मेरी, वो मेरा है दर्पण

जी रही हूँ उस संग, फिर से अपना बचपन !

कर साकार सपने, खुशियों से बगिया महकाने लगी है 

मेरी गुड़िया मेरे सपने अपनाने लगी है !!

 

दुनियादारी के बारे में जिसको बताया,

जीवन की राहों पे चलना सिखाया !

अब मुझको खुद वह, समझाने लगी है 

मुझे गुड़िया में माँ की छवि नज़र आने लगी है !!

 

अंजु गुप्ता




 


 

Popular posts
अस्त ग्रह बुरा नहीं और वक्री ग्रह उल्टा नहीं : ज्योतिष में वक्री व अस्त ग्रहों के प्रभाव को समझें
Image
गाई के गोवरे महादेव अंगना।लिपाई गजमोती आहो महादेव चौंका पुराई .....
Image
ठाकुर  की रखैल
Image
पीहू को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं
Image
आपका जन्म किस गण में हुआ है और आपके पास कौनसी शक्तियां मौजूद हैं
Image