काव्य कौमुदी चेतना हिंदी मंच द्वारा स्वतंत्रता दिवस के अमृतोत्सव समारोह में रंगारंग अंतरराष्ट्रीय कविसम्मेलन भव्यता पूर्वक सम्पन्न


हो गई है पीर पर्वत-सी पिघलनी चाहिए

इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए

मेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में सही

हो कहीं भी आग, लेकिन आग जलनी चाहिए



काव्य कौमुदी चेतना हिंदी मंच के परिवार द्वारा स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में द्विदिवसीय ( 7 एवं 8 अगस्त 2021 ) को भव्य अंतरराष्ट्रीय कविसम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें देश - विदेश के 100 से ऊपर प्रसिद्ध कवियों एवं कवित्रियों ने अपनी सहभागिता दर्ज कराई ।काव्य कौमुदी चेतना परिवार की अध्यक्ष डॉ कुमुद बाला ने बताया कि हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने की मुहिम तेज हो गयी है और मशाल तबतक जलेगी जबतक हिंदी राष्ट्रभाषा घोषित नहीं हो जाती क्योंकि हमारा देश विशाल है , समृद्ध है , विकास की डगर पर चल रहा है किंतु भाषा नहीं है।हमें गूँगा राष्ट्र बर्दाश्त नहीं है।उत्तर भारत और दक्षिण भारत की परिस्थितियों में अंतर है ।दक्षिण भारत हिंदी के विरूद्ध नहीं है बल्कि यह राजनीति का हिस्सा है ।दक्षिण भारत के विभिन्न भाषाओं को बोलने वाले लोगों ने काव्य कौमुदी चेतना हिंदी मंच के द्वारा यह दिखा और दर्शा दिया है कि हिंदी भाषा से उन्हें बहुत प्रेम है और वे हिंदी सीखना चाहते हैं ।काव्य कौमुदी चेतना हिंदी मंच पर दक्षिण भारत के कवियों की उपस्थिति ने हिंदी के लिए समर्पित इस मंच को और मजबूती प्रदान की है।उन्होंने यह बताया कि सम्मेलन के साथ हमेशा एक उद्देश्य होना चाहिये।हम सभी को अपने आसपास के क्षेत्र को जागृत करने की कोशिश करनी चाहिए।आज की युवा पीढ़ी बहुत ज्यादा भ्रमित है ।हमें उन्हें यह समझना चाहिए कि आजादी का अर्थ क्या है , देश के प्रति समर्पण क्यों जरूरी है , तिरंगे झंडे के तीन रंग क्या कहते हैं , स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस में क्या अंतर है , संविधान किसे कहते हैं , इसे किसने लिखा ,, ये कुछ ऐसे सरल प्रश्न हैं जिनका उत्तर बहुत लोग नहीं जानते हैं ।हम उन्हें बता सकते हैं , समझा सकते हैं और यह पहल सभी को अपने आसपास के क्षेत्र से करनी चाहिए।यह कार्यक्रम काफी अनूठा रहा ।

इस द्विदिवसीय अंतरराष्ट्रीय कविसम्मेलन को चार सत्र में विभाजित किया गया ।प्रथम दिवस के प्रथम सत्र के अध्यक्ष थे ताज नगरी के बेताज बादशाह डॉ राजेंद्र मिलन ।मुख्य अतिथि थे आगरा के सुरों के सरताज श्री सुशील सरित जी तथा विशिष्ट अतिथि थीं भगवान जगरनाथ के लिए प्रसिद्ध उड़ीसा के भुवनेश्वर की मंजुला अष्ठाना जी ।प्रथम दिन के द्वितीय सत्र के अध्यक्ष थे ताजनगरी के प्रसिद्ध एडवोकेट डॉ अशोक अश्रु जी , मुख्य अतिथि थे मध्यप्रदेश श्योपुर के सुरेंद्र शर्मा सागर जी तथा विशिष्ट अतिथि थीं खूबसूरत शहर चंडीगढ़ की रिटायर्ड टीचर ज्योत्स्ना गिल जी ।द्वितीय दिवस के प्रथम सत्र के अध्यक्ष थे दिल्ली के श्री सुनील चौधरी ( दीद लखनवी ) , मुख्य अतिथि थे शिवको समर्पित भुवनेश्वर से श्री अग्निवेश महापात्रा तथा विशिष्ट अतिथि थीं दिल्ली की IRS डॉ सुधा कुंमारी जी ।द्वितीय दिवस के द्वितीय सत्र की अध्यक्ष थीं सेंट जोसेफ कॉलेज , विशाखापट्टनम की प्राचार्या डॉ पी के जयलक्ष्मी जी , मुख्य अतिथि थीं ताजनगरी की सुविख्यात कवयित्री रमा वर्मा श्याम तथा विशिष्ट अतिथि थे हजारीबाग के अस्थि विशेषज्ञ डॉ आमिर अफ़ज़ल ।चारों सत्र की सरस्वती वंदना प्रस्तुत की क्रमशः आगरा की उभरती गायिका पूजा तोमर , डॉ पुट्टापर्थी नागपद्मिनी , डॉ रमा बहेड तथा वंदना चैहान , उर्मिला गिल एवं डॉ दीपिका राव।प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी स्व0 रौशन लाल गुप्त करुणेश जी के जीवन पर उनके सुपुत्र श्री संजय गुप्त जी ने प्रकाश डाला और प्रसिद्ध आगरा के हार्डी बम कांड को पुनः याद किया गया ।चारों सत्र का कुशल संचालन डॉ कुमुद बाला ने किया ।प्रसिद्ध देश - विदेश के कवियों एवं कवियित्रियों ने ओजपूर्ण कविताएँ सुनाकर ऐसा समां बांधा कि मंच तिरंगा हो गया एवं रोम - रोम में देशभक्ति की भावना जग गयी ।वीरों एवं वीरांगनाओं की कुर्बानियों को याद कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गयी ।

प्रसिद्ध कवियों एवं कवियित्रियों के नाम इस प्रकार हैं ---

डॉ कुमुद बाला , विनीता शर्मा - हैदराबाद , सीमा जैन - जालंधर , , डॉ शशीरेखा रेड्डी - हैदराबाद , योगीराज योगी - कोटा - राजस्थान , डाॅ प्रभा मजुमदार - अहमदाबाद , मंजुला अस्थाना महंती - भुवनेश्वर , सुरेश पैगवार - छत्तीसगढ़ , उमेशचंद्र श्रीवास्तव - हैदराबाद , पद्मावती पद्म - आगरा, डॉ राजेन्द्र मिलन - आगरा , संजय गुप्त - आगरा , सुशील सरित - आगरा , डॉ रमेश आनंद - आगरा , कुमारी पूजा तोमर - आगरा , सुशीला शर्मा - जयपुर , अंजली तिवारी - छत्तीसगढ़ , राजकुमारी - , अशोक अश्रु , सुरेंद्र शर्मा सागर , ज्योत्सना गिल , डॉ रमा बहेड - हैदराबाद , कुमार विशु / गोरखपुर , डॉ भरत सिंह - दिल्ली , 

डॉ भँवर छाया मालविका , सरिता त्रिपाठी , चारु मित्रा - आगरा ,                      

नीलू सिसोदिया - कोटा , निवेदिता रॉय (बहरीन) , डॉ गरिमा रावत - जयपुर राजस्थान ,

समता मिश्रा - दिल्ली , कमला सैनी - आगरा , डॉ शशि गुप्ता अमेरिका , के गीता - हैदराबाद , डॉ हेमलता सुमन , महेश शुक्ला - हैदराबाद , विजया तिवारी , जिज्ञासा शर्मा - सी,सुनील चौधरी - दिल्ली अग्निवेश महापात्रा , डॉ सुधा कुंमारी - नई दिल्ली , डॉ पी नागपडमिनी - हैदराबाद , महेन्द्र भट्ट - ग्वालियर , डॉ.कुसुम चतुर्वेदी , संतोष तोषनीवाल - इंदौर, मीना अग्रवाल , नरेंद्र शर्मा , राजीव मूथेडथ - बैंगलोर , भारती शर्मा , प्रोफेसर शरद नारायण खरे - , सुबोध कुमार शर्मा - उधमसिंह - उत्तराखंड , डॉ कृष्ण लाल बिश्नोई - बीकानेर , नरेंद्र कुमार शर्मा , पूनम शर्मा स्नेहिल , प्रेमलता मिश्रा - आगरा , भास्कर सिंह ' माणिक ' , डॉ मिली मौर्य -आगरा, प्रोफेसर पी के जयलक्ष्मी - विशाखापट्टनम , रमा वर्मा श्याम - आगरा, डॉ आमिर अफ़ज़ल - हज़ारीबाग , अशोक गोयल पिलखुवा , यशोधरा यादव यशो - आगरा , डॉ ममता भारती एवं उनके पति - आगरा, सुधा कुमारी जूही - विशाखापट्टनम , डॉ सुदेश भाटिया - , जयप्रकाश अग्रवाल काठमांडू , वंदना चौहान - आगरा , निशिगन्धा - आगरा , सुषमा सिंह - आगरा , उर्मिला गिल - विशाखापट्टनम , डॉ दीपिका राव - बांसवाड़ा राजस्थान , इशिता भटनागर - , विद्या झा - विशाखापट्टनम , हंसिनी आयंगार - विशाखापत्तनम आदि ।डॉ कुमुद बाला के धन्यवाद ज्ञापन के साथ ही स्वतंत्रता दिवस को समर्पित यह कार्यक्रम सम्पन्न हुआ ।



डॉ कुमुद बाला

काव्य कौमुदी चेतना अंतरराष्ट्रीय हिंदी मंच

हैदराबाद

तेलंगाना राज्य

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