कान्हा यमुना के तट पर आना



उदय किशोर साह 

कान्हा यमुना के तट पर आना

कान्हा यमुना के तट पर आना


कदम्ब के पेड़ पर

पत्तों में छिपकर

बाँसुरी की ध्रुन है बजाना

कान्हा यमुना के तट पर आना


भोर जब हो जाये

बाल सखा बुलाये

गईया चराने जाना

कान्हा यमुना के तट पर आना


सूरज ढल जाये

तारे नजर आये

वापस घर है आना

कान्हा यमुना के तट पर आना


बाँसुरी की धुन पर

गोपियों के संग संग

रास है तुमको रचाना

कान्हा यमुना के तट पर आना


माखन चुराये

मैया यशोदा धमकाये

मुहल्ले में कहीं छुप जाना

कान्हा यमुना के तट पर आना


उदय किशोर साह

मो० पो० जयपुर जिला बाँका बिहार

9546115088

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