परम पूज्य गुरदेव से एक प्रार्थना

 


डाःमलय तिवारी

इतनी कृपा हे गुरुवर, एक बार कीजिये। 

फंसी है भंवर में कस्ती, प्रभु पार कीजिये। 

हम पाप पंक डूबे, तू हो पाप पुंज नाशक, 

तुम तो हो औघड़ दानी, हम दीन हीन याचक, 

पीड़ा पतन से जग का, अब  उद्धार कीजिये। 

लाखों को तुमने स्वामी, भव सिन्धु से उबारा, 

जानें कितने गिरे हुए को, तुमने दिया सहारा, 

नाथ इस अनाथ की भी, प्रार्थना स्वीकार कीजिये। 

दाता तुम्हारे दर से, कोइ गया न खाली, 

चरणों हम भी तेरे, बैठे हैं बन सवाली,, 

मुझ पर भी अपने प्यार की, रसधार कीजिये। 

        डाःमलय तिवारी

 बदलापुर जौनपुर

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