इंदु सिंह 'इंदुश्री'
देश की बेटियां
हर क्षेत्र में नाम कर रही हैं
वर्जित हो या नहीं
हर क्षेत्र में काम कर रही हैं
देखा था जो कभी
स्वप्न वो साकार कर रही हैं
गांव हो या शहर
हर सीमा को पार कर रही हैं
कुश्ती हो या पहलवानी
भारोत्तोलन हो या मुक्केबाजी
शूटिंग हो या तीरंदाजी
हर खेल में कमाल कर रही हैं
पाया जो माटी से अपनी
कर्ज अदा शानदार कर रही हैं
विदेश जाकर भी
राष्ट्र को अपने प्रणाम कर रही हैं
समझा जिन्हें बोझ कभी
परिवार का सम्मान बन रही हैं
देश की बेटियां
हर क्षेत्र में नाम कर रही हैं
वर्जित हो या नहीं
हर क्षेत्र में काम कर रही हैं ।।
इंदु सिंह 'इंदुश्री'
नरसिंहपुर (म.प्र.)
२५ जुलाई २०२१