विमल सागर
आ सूरज हम साथ में खेलें
किरण बिखरतीं चमक बिखेरें
जग रोशन उजियारा होगा
फूलों सी मुस्कान बिखेरें,
आ सूरज हम साथ में खेलें,
कल-कल नदियों की सुर सरिता
मंद मधुर बयार खुशबू की
पंक्षी सुरलय तान बिखेंरें,
भँवर अधर रस फूलों का करते
महक उठें बचपन की बगिया
फूलों सी मुस्कान बिखेंरें
आ सूरज हम साथ में खेलें,
उमंग भरे उत्साह पूर्ण दिन
बचपन उम्र साथ खेलतें
छूटे कल के खेल अधूरे
आ सूरज हम साथ में खेलें।।
विमल सागर
उत्तर प्रदेश