आचरण

मानसी मित्तल

कुशल आचरण से बनें मानव तभी महान।

विन्रम स्वाभव ही बनाता जग में हमारी पहचान।।

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शिष्ट यदि व्यवहार हो मिले उसी को मान।

सरल वाणी से बनें और अधिक गुणवान।

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यदि विरासत में मिले संस्कारों की खान।

सुंदर आचरण से बनें हमारे कुल की पहचान।

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अच्छे आचरण से मिले जग में सर्वोच्च स्थान।

इसी आचरण से अवगत होता है इंसान।।

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मधुर आचरण से होता है तन मन का दर्पण।

सच्चा जीवन वही जीते हैं जो करते इसका विचरण।।

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सभ्य आचरण से ही मिले हमें सच्चा ज्ञान।

अच्छे सत्कर्म से बनें हम सभी विद्धवान।।


स्वरचित✍️

मानसी मित्तल

शिकारपुर

जिला बुलंदशहर

उत्तर प्रदेश

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