इंसानियत का सम्मान
किसी की विद्वता से प्रभावित
होकर नहीं
और ना ही प्रभावित होकर
किसी के रुतबे से,
किसी की धन-दौलत से प्रभावित
होकर नहीं
और ना ही प्रभावित होकर
किसी के जज्बे से,
किसी की जाति-धर्म से प्रभावित
होकर नहीं
और ना ही प्रभावित होकर
किसी के रंग-नस्ल से,
किसी की सुन्दरता से प्रभावित
होकर नहीं
और ना ही प्रभावित होकर
किसी के बुद्धिमत्ता से,
कर सकते हैं हम अगर
किसी का सम्मान
उसके इंसान होने मात्र से,
तो गर्व से कह सकते हैैं कि
अभी इंसानियत जिंदा है हममें।
बाल-श्रम और हमारी असंवेदनशीलता
सिद्धांत रूप में बाल-श्रम के
सब विरोधी हैं यहां,
जिन कारणों से बनता है
एक बालक बाल-श्रमिक,
उन कारणों पर बात करने की
किसी को फुर्सत है कहां?
पकड़े जाते हैं ढाबों, दुकानों पर
काम करते रोज कई 'छोटू' यहां,
उनके घर के हालात सुधारने में
मददगार कोई बन पाए,
इतनी सहृदयता और इंसानियत
आज किसी के पास कहां?
इतनी छोटी सी उम्र में काम करके
पेट पालने कौन आता है यहां?
दो जून रोटी का जुगाड़ भी जब
किसी तरह न हो पाए,
तो ही मजबूरी में चुनी जाती है
पेट पालने के लिए ऐसी राह।
हमारी आस-पास ही कई बार
ऐसा बचपन सांस तोड़ता है यहां,
उनके रहन-सहन, पढ़ाई-लिखाई का
खर्च कहीं से हो पाए,
किसी सरकारी योजना का फायदा
उन्हें दिलवा दें
अपना काम छोड़कर इतना सा कष्ट भी
हममें से बहुतों से होता है कहां?
थोड़ा सा चिंतन
बहुत बातें हो गई हों अगर
पैट्रोल के दाम पैंतीस रुपए पर लाने की,
तो थोड़ा सा चिंतन
उसके सौ पार जाने पर हो जाए।
बहुत बातें हो गई हों अगर
रसोई गैस मुफ्त में बांटे जाने की,
तो थोड़ा सा चिंतन
सब्सिडी चुपचाप खत्म किए जाने पर हो जाए।
बहुत बातें हो गई हों अगर
गरीबों को मुफ्त चावल दिए जाने की,
तो थोड़ा सा चिंतन
खाद्य तेलों के बेलगाम दामों पर हो जाए।
बहुत बातें हो गई हों अगर
जी.एस.टी. के फायदे गिनाने की,
तो थोड़ा सा चिंतन
चौतरफा टैक्स की मार पर हो जाए।
बहुत बातें हो गई हों अगर
विदेशों से काला धन वापस लाने की,
तो थोड़ा सा चिंतन
लोगों के सफेद धन से हाथ धो बैठने की हो जाए।
बहुत बातें हो गई हों अगर
आत्मनिर्भर भारत बनाने की,
तो थोड़ा सा चिंतन
लघु व मंझोले उद्यमों की खस्ता हालत पर हो जाए।
बहुत बातें हो गई हों अगर
विश्व गुरु बन छवि अपनी चमकाने की
तो थोड़ा सा चिंतन
रोज हजारों में जान गंवाते इंसानों पर हो जाए।
सोचने की बात
धनी-निर्धन हर इंसान
अपनी-अपनी सामर्थ्य अनुसार
धार्मिक स्थलों के लिए श्रृद्धा पूर्वक,
स्वेच्छा से देता है दान,
जरूरत पड़े कभी अगर वहां
तो खुशी से करता है श्रमदान,
आंच जो आए धार्मिक स्थलों पर
तो छेड़ देता है धर्मयुद्ध
और निसार करता है अपने प्राण,
विपरीत इसके मांगने पर भी
बहुत कम लोग करते हैं स्कूलों
और अस्पतालों के नाम पर दान,
वहां पर स्टाफ और सुविधाएं बढ़ाने पर
बहुत कम लोगों का होता है ध्यान,
उसके लिए आवाज भी कम लोग ही
उठाते हैं तो फिर देखा किसने श्रमदान,
हमारी प्राथमिकताओं में ही
जब नहीं हैं ज्ञान और इंसान
तो कितना भला कर लेंगे हमारा
खुद आकर भी धरती पर भगवान।
समानता की तस्वीर
एक नज़र...
किसी दम्पत्ति की
इकलौते बेटे के साथ तस्वीर पर,
फिर एक नजर
किसी दूसरे दम्पत्ती की
इकलौती बेटी के साथ तस्वीर पर,
पहली तस्वीर के प्रति भाग्यवान
और दूसरी तस्वीर के प्रति बेचारेपन का भाव
अगर आता है मन में,
तो स्त्री-पुरुष समानता हमारे लिए
सिर्फ बोलने की बात है।
एक नजर...
किसी पुरुष की
'बेयर चेस्टेड बाॅडी' की तस्वीर पर,
फिर एक नजर
किसी स्त्री की
'क्लीवेज' दिखाती हुई तस्वीर पर,
पहली तस्वीर के प्रति प्रशंसा
और दूसरी तस्वीर के प्रति निंदा का भाव
अगर आता है मन में
तो स्त्री-पुरुष समानता हमारे लिए
सिर्फ बोलने की बात है।
एक नज़र...
किसी पुरुष की
सिगरेट पीते हुए तस्वीर पर,
फिर एक नजर
किसी स्त्री की
सिगरेट पीते हुए तस्वीर पर,
पहली तस्वीर के प्रति स्वीकार्यता
और दूसरी तस्वीर के प्रति बदचलनी का भाव
अगर आता है मन में
तो स्त्री-पुरुष समानता हमारे लिए
सिर्फ बोलने की बात है।
कोई आश्चर्य नहीं है
मौका मिलने पर
हममें से ज्यादातर लोग हो सकते हैं
ठग, चोर, झूठे और बेईमान,
तो फिर आश्चर्य नहीं है कि
हमारे चुने हुए नुमाइंदे भी अक्सर
निकल जाते हैं इन्हीं अवगुणों की खान,
आखिरकार खुद से मिलती-जुलती
मनोवृत्ति वाले को ही चुनता है इंसान।
बड़ा पद मिलने पर
हममें से ज्यादातर लोगों में आ सकता है
सत्ता का रुआब, पाखंड और अभिमान,
तो फिर आश्चर्य नहीं है कि
हमारे चुने हुए नुमाइंदे भी अक्सर
निकल जाते हैं इतने ही महान,
आखिरकार खुद से मिलती-जुलती
मनोवृत्ति वाले को ही चुनता है इंसान।
शक्ति के मद में
हममें से ज्यादातर लोग हो सकते हैं
क्रूर, सनकी और दमनकारी शैतान,
तो फिर आश्चर्य नहीं है कि
हमारे चुने हुए नुमाइंदे भी अक्सर
निकल जाते हैं बड़े-बड़े हैवान,
आखिरकार खुद से मिलती-जुलती
मनोवृत्ति वाले को ही चुनता है इंसान।
जितेन्द्र 'कबीर'
गांव नगोड़ी डाक घर साच तहसील व जिला चम्बा हिमाचल प्रदेश
संपर्क सूत्र - 7018558314