ये इश्क़ है


ख़ुशबू पाण्डेय


ना कोई मन्नत ना जन्नत ना ख़्वाबों की हवेली है

ये इश्क़ है इश्क़ बेहद कमज़ोर ढेरी है


ना मासूम है ना-मालूम है ना तेरा क़रीबी है

ये इश्क़ है इश्क़ बेहद फ़रेबी है


ना मुहब्बत ना मुरव्वत ना दिल की कोई अमीरी है

ये इश्क़ है इश्क़ में बेहद फ़क़ीरी है 


ना इबादत ना चाहत ना ख़्वाहिश अधूरी है

ये इश्क़ है इश्क़ में बेहद फ़ुतूरी है


ना शबाब ना शबनम ना वस्ल ही यक़ीनी है

ये इश्क़ है इश्क़ में बेहद बद गुमानी है


ना इज़्ज़त ना लज़्ज़त ना कोई राजा रानी है

ये इश्क़ है इश्क़ बेहद बिखरी कहानी है


ना कोई मन्नत ना जन्नत ना ख़्वाबों की हवेली है

ये इश्क़ है इश्क़ बेहद कमज़ोर ढेरी है


ख़ुशबू पाण्डेय, लखनऊ

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