पर्यावरण दिवस पर प्रियंका दुबे 'प्रबोधिनी' के दोहे


                  🌺🌺

आम, नीम पीपल लगे, तुलसी हों भरपूर।

रहो प्रकृति की गोद में, मत जाना अब दूर।।


                   🌺🌺

ईश्वर की यह नेमतें, रखिए आज़ सँभाल।

वर्षा जल संचित करो, जीवन हों खुशहाल।।


                     🌺🌺

ताप सभी हरते सदा, हरते मनु सब रोग।

आओ रोपें वृक्ष अब, मिल-जुलकर हम लोग।।


                     🌺🌺

संचय जल चहुँओर हो, धानी हो परिधान।

कंचन सी धरती दिखे, खूब बढ़े धन-धान।।


                     🌺🌺

कहती सदा 'प्रबोधिनी',  विनती है कर जोर।

पर्यावरण बचाइये, गूंजे जग खग शोर।।


प्रियंका दुबे 'प्रबोधिनी'

गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।।

Popular posts
अस्त ग्रह बुरा नहीं और वक्री ग्रह उल्टा नहीं : ज्योतिष में वक्री व अस्त ग्रहों के प्रभाव को समझें
Image
गाई के गोवरे महादेव अंगना।लिपाई गजमोती आहो महादेव चौंका पुराई .....
Image
पीहू को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं
Image
ठाकुर  की रखैल
Image
कोरोना की जंग में वास्तव हीरो  हैं लैब टेक्नीशियन
Image