ब्रम्हाकुमारी मधुमिता 'सृष्टि '
जो आया है, सो जाएगा
ना कोई रहा है, ना कोई रह पाएगा
गुजरते वक्त के साथ, ये वक्त भी गुजर जायेगा
ना थको तुम, ना डरो तुम
हौसला रख, उड़ो तुम
शक्ति का अवतार हो तुम
परमपिता की संतान हो तुम
ये कहर भी जायेगा
ये जहर भी जायेगा
लौटेगा चैनो-अमन
झूमेगा संग हमारे फिर से ये गगन
खुशियों की बरसात से महकेगा पवन
चलती रहो, संभलते रहो, संभालते रहो
जीवन की हर मौज के संग बहते रहो
यह जीवन किसी के काम आएगा
इतिहास जिसे सदा दोहराएगा
हमारी शक्ति ही कोरोना को हराएगा
जो आया है, सो जाएगा
ना कोई रहा है ना कोई रह पाएगा
गुजरते वक्त के साथ ये वक्त भी गुजर जायेगा
मैं घोषणा करती हूं कि मेरी यह रचना मौलिक स्वरचित और अप्रकाशित है|
ओम शांति
नाम - ब्रम्हाकुमारी मधुमिता 'सृष्टि '
पूर्णिया
बिहार