असमंजस

  


अर्पणा दुबे

असमंजस  को तुम दूर करो

यथार्थ हो कर चिन्तन करो

इधर-उधर की तुम बातें छोड़ो

प्रभु पर  तुम विश्वास किया करो,


असमंजस  जो तुम्हारे मन में

निंः शब्द होकर  तुम सोचा करों

मिलेंगे कितने यहां फ़रेबी 

अफवाहों पर ध्यान दिया न करो।


अर्पणा दुबे

 अनूपपुर।

Popular posts
सफेद दूब-
Image
अस्त ग्रह बुरा नहीं और वक्री ग्रह उल्टा नहीं : ज्योतिष में वक्री व अस्त ग्रहों के प्रभाव को समझें
Image
अभिनय की दुनिया का एक संघर्षशील अभिनेता की कहानी "
Image
वंदना सिंह त्वरित : साहित्यिक परिचय
Image
कर्ज संकट की खास योग
Image