कवि डॉ.विनय कुमार श्रीवास्तव की रचनाएं

 



(एकेडमिक/प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु महत्वपूर्ण)

पर्यायवाची आधारित रचनावली-प्रथम भाग


चंद्र चन्द्रमा एकापति निधि विधु सोम सुधाकर।
हिमकर सुधांशु शशि कला निधि इंदु विभाकर।

अग्नि आग दव अनल धूम्रकेतु ज्वाला हुताशन।
पावक वैश्वानर  दहन  कृषानु रोहिताश्व ज्वलन।

इच्छा आकांक्षा उत्कंठा चाह रूचि अभिलाषा।
मर्जी स्पृहा लिप्सा तृष्णा वाञ्छा लोभ लालसा।

स्वर्गनदी सुरनदी मन्दाकिनी नभोनदी नभगंगा।
सुरसरि देवनदी नदीश्वरी त्रिपथगा अलकनन्दा।

उपेक्षा लापरवाही उदासीनता  विराग  विरक्ति।
तिरस्कार उल्लंघन अवज्ञा अपमान अनाशक्ति।

कमल सरोरुह कुवलय इन्दीवर अम्बुज उत्पल।
पंकज जलज पुण्डरीक कोकनद कंज शतदल।

कामदेव मन्मथ कन्दर्प रतिपति केतन मार मदन।
पंचशर मनसिज अनंग कुसुमशर मनोभाव मयन।

कली कलिका कोपल जालक कोरक ताम्रपल्लव।
कुडमल मुकुल अँखुआ अधखिलपुष्प नवपल्लव।

सर्प अहि भुजंग नाग सांप व्याल फणी विषधर।
सरीसृप पन्नग  उरग फणीश शेषनाग  फणिधर।

समुद्र सिन्धु  सागर जलधि  रत्नाकर पयोनिधि।
अर्णव पारावार अब्धि वारिधि नदीश तोयनिधि।

जीने के लिए रोटी कपड़ा मकान काफ़ी है

ज़िंदादिली से दोस्तों मेहनत की रोटी खाइये।
पराठा खाना है तो फिर तेल भी तो  लगाइये।

हाला की इस जहां में तेल लगाने वाले भी  हैं।
जिनको पसंद है तेल लगवाना वो वाले भी हैं।

स्वाभिमान वाले बहुत ही कम यहाँ दिखते हैं।
पर कतरते वाले ही अब तो ज्यादा दिखते हैं।

गॉड फादर भी कोई जल्दी अब नहीं मिलता।
मिलता भी है तो  खोट दिल  में लिए मिलता।

इज्जत की रोटी तो मेहनत के पसीने से मिले।
दाल रोटी मिले या भले ये सूखी रोटी ही मिले।

पेट ही तो केवल सभी परिवार को ये भरना है।
ज़िंदा रहने के लिए कुछ भी न ग़लत करना है।

कोरोना में सब ने कितना ये बुरा हाल देखा है।
अमीरों को भी वायरस से हुआ बेहाल देखा है।

ग़रीबों की भी जानें गईं हैं वैश्विक महामारी में।
पैसे वाले भी बचा ना पाये हैं जानें  बीमारी में।

फिर क्यों तेल लगा कर के धन कमाया जाये।
इज्जत के मिले जो  वही सिर्फ कमाया जाये।

बेइमानी से लाख तिज़ोरी भले ही भरले कोई।
फल जो मिलता है बुरे का तो ना संभले कोई।

आहें बहुत लगती हैं अंतिम वक्त भी है आता।
सब कुछ धरा यहीं का यहीं ये रहभी है जाता।

जीने के लिए काफी है रोटी कपड़ा व मकान।
ज्ञान ये जरुरी है देखें कोरोना में हाले श्मशान।

कोविड-19 मुक्ति हेतु हनुमान प्रार्थना

हे ! महावीर स्वामी तेरा ही आसरा प्रतिपल है।
आज तुम्हारा दिन है जून प्रथम बड़ा मंगल है।

नतमस्तक हूँ करूँ मैं विनती प्रभु आप से एक।
कोरोना को ले उड़ें भारत से वुहान में दो फेंक।

चीन ने निज प्रयोगशाला में ये  वायरस बनाया।
यह वैश्विक महामारी दुनिया में है कहर मचाया।

प्रकृति जनक वायरस नहीं यह मानव निर्मित है।
दुनिया के कई देश हैं कहते यह वुहान निर्मित है।

जिन वैज्ञानिकों ने बनाया था देना चाहा इंटरव्यू।
उन्हें खड़ा कर चीन ने मार दिया पहले ही ये व्यू।

दुनिया में इसका राज उजागिर न हो ये थी चाल।
भेद खुलाहै डब्लूएचओ चुप था उस दौराने हाल।

इसने दुनिया में  करोड़ों जाने ले ली हैं अब तक।
लाखों भारतवासी हुए काल कलवित अब तक।

महाकाल शिवशंकर के आप ही हैं रूद्र अवतार।
कोरोना से मुक्ति दो हे ! बजरंगी दुःख तारन हार।

प्रथम लहर में ज्यादातर बहुत बुजुर्गों को खोया।
दूसरी लहर ने युवाओं बुजुर्गों को बहुत है खोया।

वैज्ञानिक कहें अभी तीसरी लहर भी आ सकती।
क्या ऐसे चलेगी दुनिया या ऐसे ही ये जा सकती।

कृपा करें अब हे! संकटमोचक महाबली हनुमान।
तेरी पूजा अर्चना विनती करें हे! पवनपुत्र हनुमान।

हौसलों की जीत

सपने उन्हीं के सच होते हैं,
जिनके सपनों में जान होती है।
पंखों से कुछ नहीं होता है,
हौसले से ही तो उड़ान होती है।

मकड़ी अपना जाला बुनने को,
सौ सौ बार चढ़ती और गिरती है।
नहीं हारती हिम्मत फिर भी वह,
जाला सुंदर बुन के उसमे रहती है।

सांप नेवला लड़ें तो जी भर कर,
विषधर को देख नहीं डरता नेवला।
छोटे शरीर से ही घायल कर देता,
बुलंद हौसले से ही जीतता नेवला।

नन्हीं चींटी भी पहाड़ चढ़ जाती,
थकती नहीं कभी न ही है घबराती।
हौसला चढ़ने का होता है उसमे,
जहाँ चाहती चींटी रानी पहुँच जाती।

सियार कभी शेर भी बन बैठा,
नीलः शृगालः संस्कृत में पढ़ा होगा।
हौसले से ही सियार कुर्सी बैठा।
जंगल राजा शेर को वो गढ़ा  होगा।

इस कोरोना में वही बची है जान,
जिनका रहा यह हौसला ऊँचा मान।
मनोबल किया नहीं है कमजोर,
हिम्मत से लड़े लड़ाई बच गई जान।

तूफ़ां में कश्तियाँ भी होती हैं पार,
नाविक बिना डरे चलाता जो पतवार।
मौसम कितना भी खराब हो जाये,
हौसला सागर के लहरों से भी बचाये।

हिम्मत एवं हौसलों से होती जीत,
कौरव कितना ज्यादा थे वे संख्या में।
पाण्डवों की संख्या में केवल मीत,
हारे नहीं हिम्मत हौसले से गए जीत।

रचियता :

*डॉ.विनय कुमार श्रीवास्तव*
वरिष्ठ प्रवक्ता-पी बी कालेज,प्रतापगढ़ सिटी,उ.प्र.
इंटरनेशनल चीफ एग्जीक्यूटिव कोऑर्डिनेटर
2021-22,एलायन्स क्लब्स इंटरनेशनल,प.बंगाल
संपर्क : 9415350596

Popular posts
गाई के गोवरे महादेव अंगना।लिपाई गजमोती आहो महादेव चौंका पुराई .....
Image
अस्त ग्रह बुरा नहीं और वक्री ग्रह उल्टा नहीं : ज्योतिष में वक्री व अस्त ग्रहों के प्रभाव को समझें
Image
सफेद दूब-
Image
ठाकुर  की रखैल
Image
दि ग्राम टुडे न्यूज पोर्टल पर लाइव हैं अनिल कुमार दुबे "अंशु"
Image