डा0 प्रमोद शर्मा प्रेम
याद आते है अभी भी
भूल न पाये कभी भी
जाने कहाँ गये वो दिन|1
नीम की वो छाँव ठण्डी
महकती गीली सी मिट्टी
जाने कहाँ गये वो दिन|2
तपती दोपहरी तेज धूप
नीचा सा पेड खट्टा आम
जाने कहा ..गये वो दिन|3
खेत चटनी.व मीसी रोटी
प्याज गुड घडे का पानी
जाने कहाँ ...गये वो दिन|4
देर से आना डाँट माँ की
और दुलारती... हुई दादी
जाने कहाँ ...गये वो दिन|5
सुबह ही ताजा सा गन्ना
बासी रोटी मक्खन मट्ठा
जाने कहाँ ..गये वो दिन|6
नन्ही ...चिडिया तितली
मुर्गे व बाँग कौवे व काँव
जाने कहाँ गये ..वो दिन|7
धमा चौकडी गिल्ली डण्डा
माँ का चिमटा व थप्पड
जानें कहाँ गये... वो दिन|8
प्यारे बचपन के सौ काम
गाय बछड़े गोधूलि शाम
जाने कहाँ ...गये वो दिन |9
डा0 प्रमोद शर्मा प्रेम नजीबाबाद बिजनौर