डॉ रजनी शर्मा 'चंदा'
एक दिन का पर्यावरण दिवस
आजकल लोग मनाते हैं ।
दिखावे के लिए सजधज कर
बस एक दो वृक्ष लगाते हैं।
एक ही वृक्ष पकड़कर
सौ लोग फोटो खिंचवाते हैं।
फिर गधे के सींग के जैसे
गायब वह हो जाते हैं ।
पौधा है बचा हुआ या फिर
वह धूप में सूख गया।
बकरी चर गई उसको
या फिर डाल ही टूट गया।
ना सुध बुध वह लेते उसकी
नाम को बस अपने जपते जाते हैं।
सोशल मीडिया पर दिखाने को
पर्यावरण दिवस लोग मनाते हैं ।
यू दिखावा का डंका बजाओ,
करना है तो सच में करके दिखाओ ।
पर्यावरण की रक्षा के लिए
दृढ़ संकल्प हो भार उठाओ ।
जिस पौधे को भी लगाओ
उसकी सेवा का प्रण उठाओ।
प्रकृति का दिया वरदान है
इससे सच्चे प्रकृति प्रेमी
हृदय से जुड़ते जाते हैं।
रहते हैं हरियाली के बीच
पर्यावरणीय जीवन बिताते हैं।
डॉ रजनी शर्मा 'चंदा'
रांची, झारखंड