साधना कृष्ण
बतलाओ मोहन हम कबतक ,चैन व करार माँगें।
बाल ग्वाल सभी गोपीका, तुझसे प्यार माँगें।।
छोड़कर द्वेष ,चिन्ता तजो, जल्दी से जग जाओ ।
देखकर सुन्दर नजारे तू , मानस को हरसाओ।।
राधिका ने खुद कुल्हाड़ी, खुद ही खुद को मारी।
चितचोर थे कान्हा दिल विल ,,सब कुछ वह हारी।।
मोहन मुरली वाला है तो, राधा है सुकुमारी।
मोहन विवेक भंडार लगे , तो राधा फुलवारी।