कमलेश मुद्ग् ल
आज फिर अकेले थे याद आ गई तुम्हारी लगा कोई साथ है प्यार का अहसास करा रहा है लहर की तरह आती है याद लहर की तरह चली जाती है तब भी उठती है दिल में टीस मेरे अकेले ही रहना है जान ती हूँ तब भी किसी के आने की आहट सुकून दिलाती है बह जाती हूँ इस धारा में जानती हूँ, ठीक हूँ मैं पर समझ कर नासमझ बन जाती हूँ