अक्षय रहे यह साथ -

 


आज (7 मई) परिणय सूत्र बंधन की वार्षिकी पर जीवन साथी को समर्पित -



मैं नहीं कहती कि 

मेरे सपनो के राजकुमार है वे

लेकिन मेरी जीवन नगरी में 

आज एक राजा सी 

अहमियत है उनकी ,

मुझे अच्छा लगता है

उनका मेरी नगरी पर राज करना 

मेरे लिये चिंतित होना ,

मीलों दूर होने पर भी

अपनी व्यस्तताओं से समय चुराकर

दिन भर में एक बार 

दूरभाष पर ही सही बात ज़रूर कर लेना 

हमारी संतान के वर्तमान व भविष्य

को सुरक्षा देने का

प्रयास करना आदि आदि ...।

मेरी छोटी सी नगरी का 

मेरा यह राजा 

निज प्रजा के प्रति 

अपने सभी दायित्व

बिना किसी दिखावे के 

कुशलतापूर्वक निभाना 

और मेरी जीवन राहों को 

आसां बनाने में मेरा साथ

कदम कदम पर देना चाहता है ।

उसका यह कर्म निर्वहन

मुझे उसकी ओर 

सदा आकर्षित करता है ।


मैं यह भी नहीं कहती कि

मैं उनके सपनों की राजकुमारी हूँ

पर उनके विशाल हृदय़ महल में

रानी बन हुकुम चलाने का हक

उन्होंने ही मुझे दिया है ।

मैं नहीं जानती कि

वह मेरा जन्म जन्मांतर का

 साथी है या नहीं 

पर इस ज़िन्दगी की राह में 

वह मेरे साथ है 

यह मेरे लिये कई जन्मों के 

उपहार के समान है 

जिसे जी भर के मैं माँग में 

सजाना चाहती हूँ ।


डॉ. रीता सिंह

संगिनी - श्री हेमेन्द्र कुमार

आशियाना , मुरादाबाद

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