गीत

 

डॕा शाहिदा

फिर नयी दुनिया बसाएंगे हम तुम,

फिर नयी महफ़िल सजाएंगे हम तुम |



ग़ौर से तुम देख लो दरो दीवारको,

फिर नयी बस्ती बसाएंगे हम तुम |


आँखें हैं नम, सबके होठों पे सिसकियाँ,

फिर नयी मुस्कुराहटें सजाएंगे हम तुम |


इतने पेड़ों को काट दिया किसने,

फिर नीम पीपल लगाएंगे हम तुम |


भाई भाई से अलग हो गया जो,

फिर प्रेम की अलख जगाएंगे हम तुम |


नफ़रतों को जड़ से उखाड़ देंगे,

फिर प्यार वाला बीज जमाएंगे हम तुम |


अनेकता में एकता को जोड़कर,

फिर देश को मज़बूत बनाएंगे हम तुम |



Popular posts
अस्त ग्रह बुरा नहीं और वक्री ग्रह उल्टा नहीं : ज्योतिष में वक्री व अस्त ग्रहों के प्रभाव को समझें
Image
गाई के गोवरे महादेव अंगना।लिपाई गजमोती आहो महादेव चौंका पुराई .....
Image
दि ग्राम टुडे न्यूज पोर्टल पर लाइव हैं अनिल कुमार दुबे "अंशु"
Image
भोजपुरी भाषा अउर साहित्य के मनीषि बिमलेन्दु पाण्डेय जी के जन्मदिन के बहुते बधाई अउर शुभकामना
Image
दि ग्राम टुडे न्यूज पोर्टल पर लाइव हैं यमुनानगर हरियाणा से कवियत्री सीमा कौशल
Image