1.
सबसे बड़ा प्रमुख काम है कि परिवेश
बदलने के लिए मिलजुल कर प्रयत्न
किया जाय ।इन दिनों रोग संकट से
देश घिरा हुआ है पर कुछ लोग नीति
मर्यादा को तोड़ने के लिए बुरी तरह
उतारू हैं इस लिए अनेकानेक संकटों
का महौल बन गया है। न व्यक्ति सुखी
हैं न ही स्थिरता है। समस्याएं विपत्तियां
निरंतर बढ़ती जा रही है।
सुधार के प्रयत्न कहीं भी सफल नहीं
हो रहे हैं।एक तरफ काल अपनी भुजा
पसारे घुम रहा है। दूसरी ओर लोभ
लालच के मोह मे लोग मानवता भूल
गए हैं । जो बीत गया वो बहुत था पर
जो बच गया है उसकी बरबादी तो
रोकी हीं जा सकती है ।
2.
सबसे बड़ा प्रमुख काम है कि परिवेश
बदलने के लिए मिलजुल कर प्रयत्न
किया जाय ।इन दिनों रोग संकट से
देश घिरा हुआ है पर कुछ लोग नीति
मर्यादा को तोड़ने के लिए बुरी तरह
उतारू हैं इस लिए अनेकानेक संकटों
का महौल बन गया है। न व्यक्ति सुखी
हैं न ही स्थिरता है। समस्याएं विपत्तियां
निरंतर बढ़ती जा रही है।
सुधार के प्रयत्न कहीं भी सफल नहीं
हो रहे हैं।एक तरफ काल अपनी भुजा
पसारे घुम रहा है। दूसरी ओर लोभ
लालच के मोह मे लोग मानवता भूल
गए हैं । जो बीत गया वो बहुत था पर
जो बच गया है उसकी बरबादी तो
रोकी हीं जा सकती है ।
प्रमिला श्री तिवारी