उदय किशोर साह
गौरव सौरभ कर्मों से आता
इज्जत शोहरत का है दाता
कर्म जगत में देता है नाम
बुरे कर्म से होता नाम बदनाम
बुरे कर्म नरक है ले जाता
सद्ककर्म स्वर्ग है पहुंचाता
कर्म मानव को बनाता है इन्सान
बुरे कर्म का नहीं होता कोई मान
कर्म ही ईमानदार बनाता
कर्म से ही बेईमान कहलाता
कर्म जगत में बनाता है महान
कर्म मानवता की पहचान
कर्म समाज में मान दिलाता
कर्म समाजिक तिरस्कार का दाता
कर्म से मिलता है मुकाम
कर्म से होता है जग में नाम
बुरे कर्म ना कर नादान
अच्छे कर्म से बढ़ाओ मान
अच्छे कर्म से मिल जाता है भगवान
दुष्कर्मी का नाम है बदनाम
कर्म जैसा जो जग में है करता
वैसा ही कर्म फल वो है पाता
श्रेष्ठ कर्म का जग में है नाम
बुरे कर्म जहन्नुम के समान
उदय किशोर साह
मो० पो० जयपुर जिला बाँका बिहार
9546115088