बचपन के दिन


 बचपन के दिन आ गए,फिर जीवन में यार,

साठ  बरस बीते जहां ,छाई  मस्त बहार,

 छाई  मस्त बहार,खुशी अब पास बुलाती,

दिखते प्यारे ख्वाब ,नींद पूरी अब आती ,

आओ खेलें साथ ,उमर तेरी भी पचपन ,

मस्ती के दिन चार,चलो फिर जी लें बचपन। 

--

महेंद्र कुमार वर्मा

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