दुआ



नंदिनी लहेजा

दुआ गर मांगनी मुझको रब से तो बस यही मांगू

सदा देना मुझे साहस कि नेकी की राह न छोडूं

कर पाऊं तो मैं करूँ किसी का भला

किसी के दुख का मैं कारण कभी ना बनूँ

बनाया तुमने इंसान मुझे ,यह तो रहमत तेरी दाता

सदा दुआएं तेरी बरसे,मैं कर्म ऐसे करता रहूं

मैं जानता हूँ की पुतला हूँ मैं छल कपट का

अहंकारों से भरा मन है,अभिमान से लिप्त तन मेरा

मेरे रब मुझे अब बक्श आशीष तेरी

विकारों से स्वयं के उठूं, करूँ सेवा में दीनन की

तेरा दर न कभी छूटे,मन मंदिर में सदा तू बसे

मेरे मालिक तू अंग-संग रहे सदा,मांगूं दुआ में यही


नंदिनी लहेजा

रायपुर(छत्तीसगढ़)

स्वरचित मौलिक अप्रकाशित

Popular posts
सफेद दूब-
Image
भोजपुरी भाषा अउर साहित्य के मनीषि बिमलेन्दु पाण्डेय जी के जन्मदिन के बहुते बधाई अउर शुभकामना
Image
जीवन के हर क्षेत्र में खेल महत्वपूर्णः संजय गुलाटी, भेल में अन्तर इकाई बास्केटबाल टूर्नामेंन्ट
Image
साहित्यिक परिचय : बिजेंद्र कुमार तिवारी
Image
मर्यादा पुरुषोत्तम राम  (दोहे)
Image