जो कल था,बो अब नही होगा
जो अब है वो फिर नही होगा ।
हर कदम पर होगी कठिनाईया
एक दिन ऐसा मेरा देश होगा ।।
यज्ञ करेंगे साधू जल जाएगा संसार
चारो तरफ गुजेगी दुखीयो की चिख पुकार।
कोई नजर नही आएगा सुखी तुम्हे संसार मे
आपस की फूट मिलेगी हर एक परिवार मे ।।
विधुत उपकरण मौजूद होगे फिर भी घोर अंधेरा होगा।
एक दिन ऐसा मेरा देश होगा ।।
आशा की डोर टूट जाएगी
अपनी परसाई भी साथ छोड जाएगी।
जिन्दगी को तुम दोगे आवाज
लेकिन वो लौट के नही आएगी ।।
सब जीने को मजबूर होगे।
अपनी मंजिल से दुर होगे।।
दिल मे वस एक उम्मीद होगी ।
बीत जाएगा अंधेरा फिर सवेरा होगा ।।
एक दिन ऐसा मेरा देश होगा ।।
राजेश प्रजापति (बरेली )
मो 7500700862